Tuesday 9 November 2010

अमर उजाला की नजर से ओबामा - भारत यात्रा

अमर उजाला की नजर से ओबामा - भारत यात्रा
महाशक्तियों का मिलन
महाशक्तियों का मिलन


ओबामा के दिल में उतर गया भारत
हिंदी फिल्म शोले के हिट गाने ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेगे...की तर्ज पर सोमवार की रात राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा आयोजित भव्य रात्रिभोज से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अभिभूत हो गए। रात्रिभोज से पूर्व राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन के लंबे चौड़े लान पर ओबामा और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ओबामा की इस पहली भारत यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया। राष्ट्रपति के भाषण के बाद ओबामा ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ अति सुसज्जित टेबल पर रात्रिभोज की शुरुआत की। ओबामा ने भारत और अमेरिका के बीच असाधारण मैत्री भावना प्रकट करने के लिए भारतीय नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया। ओबामा ने कहा कि वह भारत अमेरिकी संबंधों के और प्रगाढ़ होने की कामना करते हैं। हमारे संबंध बरकरार हैं, क्योंकि वे लोहे या इस्पात के नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं के रेशमी धागों से बंधे हुए हैं।
महाशक्तियों का मिलन


भारतीय और अमेरिकी हस्तियां शामिल
सिंह के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, उद्योगपति मुकेश अंबानी, रतन टाटा, कुमारमंगलम बिड़ला, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, तीनों सेना के अध्यक्ष, आईसीआईसीआई की सीएमडी और सीईओ चंदा कोचर तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ओपी भट्ट रात्रिभोज में शिरकत कर रहे 172 हाई प्रोफाइल भारतीय और अमेरिकी हस्तियों में शामिल थे। भारत यात्रा पर आए छठे अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और मिशेल ने उसी वक्त से भारत की विविध संस्कृति को महसूस किया जब से 80 साल पुराने रायसीना हिल के शानदार पोर्टिको में उन्हें देश भर के पारंपरिक बिगुल और वाद्य यंत्रों की तान से दो-चार कराया गया। अलवर और बाड़मेर के राजस्थानी मंगनियार गायकों ने पारंपरिक स्वागत गीत ‘आवो नी पधारो म्हारे देस’ गाकर ओबामा दंपति को भारत की संपन्न लोक संस्कृति से रूबरू कराया। ओबामा ने विशेष तौर पर बनाई गई ‘रंगोली’ को भी खूब सराहा।
महाशक्तियों का मिलन


लोक नृत्य को पेश किया गया
राजस्थान के लोक संगीतज्ञों ने अतिविशिष्ट मेहमानों के मनोरंजन के लिए सितार, वायलिन, बांसुरी और तबला पर भारतीय शास्त्रीय कलाओं के जौहर दिखाए। पूर्वोत्तर के ‘शिलांग चैंबर कॉयर’ समूह की ओर से खासी समुदाय के लोक नृत्य को पेश किया गया। पियानो वादक नील नॉकिंगरिह की अगुवाई वाले 16 सदस्यीय दल ने अंग्रेजी, हिंदी के साथ-साथ खासी में भी गाने गाकर ओबामा का मनोरंजन किया। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र अभिनीत सदाबहार फिल्म ‘शोले’ के गीत ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...’’ ने भी महफिल में समां बांध दिया। इस गाने को शायद भारत-अमेरिका की दोस्ती के तौर पर पेश किया गया।
महाशक्तियों का मिलन

ओबामा ने किया निहाल
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को संसद में अपने प्रभावपूर्ण संबोधन से भारतीयों का दिल जीत लिया। जहां एक ओर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पाने की भारत की दावेदारी को लेकर अमेरिका का समर्थन जताया, वहीं आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश भी दे डाला। अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ कहा कि पाक सीमा के अंदर आतंकी ठिकाने किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है और इसलामाबाद को मुंबई हमले के दोषियों को कानून के दायरे में लाना होगा। अमेरिका के इस तरह भारत के साथ खड़े होने को भारतीय खेमा बड़ी कामयाबी मान रहा है।
महाशक्तियों का मिलन


भारत की तैयारी का स्वागत
दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र की सबसे बड़ी पंचायत, संसद के सेंट्रल हाल से तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होने की आशा रखता हूं। अमेरिका स्थायी सदस्यता पाने की भारत की तैयारी का स्वागत करता है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका मौजूदा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सक्षम, प्रभावशील, विश्वसनीय और विधिसंगत संयुक्त राष्ट्र का पक्षधर है। इस आधार पर मैं कह सकता हूं कि आने वाले वर्षों में ऐसी पुनर्गठित सुरक्षा परिषद चाहता हूं जिसमें भारत स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को अपनी शक्ति बढ़ने के साथ ही बढ़ती जिम्मेदारियों को भी पूरा करना चाहिए। संदेश साफ था कि भारत को म्यांमार में मानवाधिकार उल्लंघन और परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर लागू प्रतिबंध जैसे विषयों पर बोलना चाहिए।
महाशक्तियों का मिलन


सुषमा की वाकपटुता के कायल हुए ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज को उनकी बेबाकी के लिए विशेष तौर पर धन्यवाद दिया है। सुषमा के साथ लगभग आधे घंटे की मुलाकात में दोनों नेताओं ने हास्य विनोद के माहौल में गंभीर मसलों पर चर्चा की। न तो सुषमा ने अपनी बात कहने में कसर छोड़ी न ही ओबामा ने उसे सुनने में धैर्य की कमी दिखाई। सुषमा ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति उनसे उत्साहपूर्वक मिले। ओबामा ने होटल में अपने कक्ष के दरवाजे पर उनका स्वागत किया। बातचीत के दौरान दोनों के बीच हास्य विनोद का भी आदान-प्रदान हुआ। बकौल सुषमा आउटसोर्सिंग, टोटालेटेरियन समझौता, पाक प्रायोजित आतंकवाद, चीन और एंडरसन के मुद्दे पर दोनों के बीच गंभीर चर्चा हुई। ओबामा ने अपने सहयोगी को सुषमा की बातों का नोट्स तैयार लेने को भी कहा। ओबामा से मुलाकात के बाद सुषमा ने ‘अमर उजाला’ से बताया कि मुख्य प्रतिपक्ष होने के नाते देश भाजपा से जो अपेक्षा करती है उसी के मुताबिक उन्होंने अपनी बात को बेबाकी के साथ रखा।

महाशक्तियों का मिलन


रोजगार जुटाकर गदगद हैं ओबामा
अमेरिका के लिए रोजगार जुटाने की अपनी योजना को स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को कहा कि संरक्षणवाद हटाने पर अमेरिकी जनता की रजामंदी के लिए उनकी यह स्कीम बेहद काम आएगी। उन्होंने कहा कि स्वदेश लौटकर वे लोगों को बताएंगे कि भारत ने उनके लिए 50 हजार नौकरियां दी हैं, तो बदले में हमें संरक्षणवाद की बात करना छोड़ना चाहिए। वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी कहने से नहीं चूके कि भारत ने कभी भी अमेरिका से नौकरियां नहीं छीनी। बल्कि आउटसोर्सिंग के जरिए भारत ने अमेरिका की उत्पादकता बढ़ाई ही है।
महाशक्तियों का मिलन


अमेरिका में नौकरी के अवसर पैदा होंगे
हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय चर्चा के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में ओबामा ने जहां संरक्षणवाद और आउटसोर्सिंग में नरमी लाने का आश्वासन दिया, वहीं प्रधानमंत्री ने इशारों में यह जता दिया कि भारतीयों की वजह से रोजगार जाने की तोहमत मुनासिब नहीं है। बल्कि भारत ने कहीं न कहीं अमेरिका में रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद ही की है। ओबामा ने माना भी कि कुछ डील ऐसी हुईं हैं, जिनकी वजह से अमेरिका में नौकरी के अवसर पैदा होंगे। ओबामा साथ ही यह भी कहने से नहीं चूके कि उनके उच्च तकनीक उत्पादों की वजह से भारत में रोजगार के अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकी कंपनियों के उच्च तकनीक उत्पाद भारत को बेचने की योजना है और इन उत्पादों के जरिए भारतीय उद्यमी अपने देश में भी रोजगार पैदा कर पाएंगे। ओबामा ने कहा कि रोजगार बढ़ाना एकतरफा नहीं है बल्कि इससे दोनों पक्ष ही लाभान्वित होते हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आउटसोर्सिंग पर पाबंदी और संरक्षणवाद को लेकर भारत में पनप रहे रोष से ओबामा को अवगत कराया था। सूत्रों के अनुसार रविवार डिनर से पहले और सोमवार की द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान मनमोहन ने दोनों ही मसलों पर चर्चा की। सिंह ने उच्च तकनीक निर्यात नियम पर नियंत्रण घटाने के अमेरिकी नेता के फैसले का स्वागत भी किया। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के अमेरिका के समर्थन पर भी मनमोहन ने ओबामा का धन्यवाद किया।
महाशक्तियों का मिलन


ऊंट, घोड़े ले जाना चाहते हैं ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत से ऊंट और घोड़े अपने देश ले जाना चाहते हैं। राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के दौरान ओबामा राष्ट्रपति के अंगरक्षकों से काफी प्रभावित हुए जो उन्हें अपने साथ लेकर प्रांगण में ले गए जहां राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनका स्वागत किया। अति विशिष्ट व्यक्तियों के साथ मौजूद अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान ओबामा ने राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की तारीफ की और मजाक में कहा कि वह कुछ ऊंट और घोड़े अमेरिका ले जाना चाहते हैं जिस पर वहां मौजूद मेजबान मुस्कुरा पड़े।
महाशक्तियों का मिलन

महाशक्तियों का मिलन
महाशक्तियों का मिलन

मीडिया से ली जमकर चुटकी
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मीडिया से जमकर चुटकी ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ओबामा काफी प्रसन्नचित्त नजर आ रहे थे। उनसे भारतीय पत्रकारों ने अमेरिकी मीडियाकर्मी की ओर से भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट देने के बारे में अमेरिकी रुख पर किए गए सवाल का जवाब देने का दबाव बनाया। ओबामा ने कहा कि मुझे निर्देश है कि केवल एक ही सवाल का एक बार में जवाब दूं। यह आश्चर्यजनक बात नहीं होगी कि भारतीय और अमेरिकी मीडिया परस्पर सहयोग कर रहे हैं, लेकिन हम ऐसे किसी सहयोग के इच्छुक नहीं है। उनके इतना कहते हुए प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद लोग हंस पड़े।
महाशक्तियों का मिलन


ओबामा ने कहा, जयहिंद
खुद को और अपनी पत्नी मिशेल ओबामा को भारत में मिली मेहमाननवाजी का अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को हिंदी में ‘बहुत धन्यवाद’ कहकर शुक्रिया अदा किया। संसद भवन के केंद्रीय कक्ष के दोनों सदनों के सदस्यों के समक्ष दिए 35 मिनट के अपने संबोधन में ओबामा ने हिंदी के शब्दों, चांदनी चौक जैसे भारत के ऐतिहासिक स्थलों, पंचतंत्र जैसे प्राचीन साहित्य, भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद, एक दलित के उत्थान के रूप में संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर आदि का जिक्र किया। अपने भाषण का समापन उन्होंने ‘जय हिंद’ कहकर किया जिस पर सांसदों ने तालियां बजाईं। ओबामा ने पंचतंत्र की भी चर्चा की। ओबामा ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिये गये संबोधन का जिक्र किया और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की रचना ‘गीतांजलि’ के कुछ अंशों को भी पढ़ा।
महाशक्तियों का मिलन


महिला नेताओं की वजह से सफल है भारतःओबामा
नई दिल्ली। ओबामा ने भारतीय महिला नेताओं की भरपूर सराहना की और उन्हें देश की सफलता का एक मुख्य कारण बताया। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा अपने सम्मान में आयोजित भोज में राष्ट्रपति के अतिरिक्त सोनिया गांधी और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की ओर देखते हुए ओबामा ने कहा, भारत इतना अच्छा कर रहा है क्योंकि उसके पास इतनी मजबूत महिला नेत्रियां हैं।

महाशक्तियों का मिलन
महाशक्तियों का मिलन
महाशक्तियों का मिलन
महाशक्तियों का मिलन
महाशक्तियों का मिलन


अमेरिकी राष्ट्रपति इंडोनेशिया रवाना
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत का आधिकारिक दौरा पूरा करने के बाद आज सुबह इंडोनेशिया के लिए रवाना हो गए। ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल को विदा करने के लिए हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव निरुपमा राव मौजूद थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान एयरफोर्स वन ने सुबह लगभग नौ बजे उड़ान भरी। अपने 10 दिनों के एशिया दौरे के पहले पड़ाव के रूप में ओबामा शनिवार को भारत पहुंचे थे। वह इंडोनेशिया के अलावा दक्षिण कोरिया और जापान भी जाएंगे।

No comments:

Post a Comment