विपरीत परिस्थितियों में अपने बड़े होने के दिनों को याद करते हुए अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने आज विद्यार्थियों से कहा कि वे न सिर्फ अपने लिए, बल्कि अपने समुदायों के लिए भी ‘बड़े सपने’ देखें।
प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की बातचीत के कार्यक्रम में अपने शुरुआती उद्बोधन में मिशेल ने कहा, ‘मैं आपको प्रोत्साहित करना चाहती हूँकि न सिर्फ अपने लिए, बल्कि अपने समुदाय के लिए भी बड़े और विशाल सपने देखें।’
उन्होंने कहा, ‘जब मैं आपकी उम्र की थी तो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं ऐसे देशों का दौरा करूँगी और आपके जैसे युवा लोगों से मुलाकात करूँगी। मैंने कभी भी प्रथम महिला बनने का सपना नहीं देखा था।’
मिशेल के अनुसार मैं शिकागो में कामकाजी वर्ग के परिवार में पली-बढ़ी। मेरे माता पिता मेहनती थे। वे भले ही हमें भौतिक वस्तुएँ नहीं दे सके लेकिन उन्होंने मुझे और मेरे भाई को उससे भी अधिक बेशकीमती चीज यानी मजबूत मूल्य दिए। उन्होंने हमें हर एक चीज में उत्कृष्टता हासिल करना सिखाया।
46 वर्षीय मिशेल ने कहा कि उनके माता पिता ने उन्हें विन्रम रहना और शिक्षा में हर संभव कोशिश करना सिखाया।
उन्होंने (माता पिता ने) हमें सिखाया कि हमारी परिस्थितियाँ हमें परिभाषित नहीं कर सकतीं। अगर हम खुद में यकीन रखें तो हम हमारी खुद की नियति को तय कर सकते हैं। मैंने इस सबक को दिल से याद रखने की हर दिन कोशिश की है।
मिशेल ने कहा, ‘मैं काफी लंबे समय से इस यात्रा के प्रति आशान्वित थी। आज आप यहाँ है। आप हर दिन काम करें और अपने सपनों को साकार करें। जल्द ही आप सभी पर भविष्य को आकार देने की जिम्मेदारी आ पड़ेगी। हम हमारे ग्रह की सुरक्षा करने की और संवेदनशील नागरिकों के सशक्तीकरण की आपसे उम्मीद करते हैं। मेरा मानना है कि आप और दुनिया भर में मौजूद आपके साथी चुनौतियों का सामना करने को तैयार हैं क्योंकि मैंने इसका भारत में प्रत्यक्ष अनुभव किया है।’
मिशेल के मुताबिक बतौर प्रथम महिला मैंने न सिर्फ अमेरिका में, बल्कि पूरे विश्व में युवाओं के साथ संवाद साधने की यथासंभव कोशिश की है। हमें इस बात की जरूरत है कि हमारे समय की बड़ी चुनौतियों से निपटने में उनकी मदद करें। यही कारण है कि राष्ट्रपति ओबामा न सिर्फ राष्ट्रप्रमुखों से, बल्कि आपके जैसे युवाओं से भी हमेशा मुलाकात करते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत से जितने विद्यार्थी पढ़ने अमेरिका आते हैं, उतने कहीं और से नहीं आते
No comments:
Post a Comment